
साल 2025 में गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय एकता परेड में इस बार छत्तीसगढ़ की झांकी ने सबका मन मोह लिया। “बस्तर की धरती – संस्कृति, सृजन और प्रगति की गाथा” विषय पर आधारित यह झांकी राज्य की समृद्ध जनजातीय परंपराओं, कला, और विकास यात्रा का जीवंत प्रदर्शन बनकर उभरी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परेड स्थल पर पहुंचकर विभिन्न राज्यों की झांकियों का अवलोकन किया और प्रतिभागियों की रचनात्मकता की सराहना की। छत्तीसगढ़ की झांकी ने अपने रंग, रूप और प्रतीकात्मक संदेश से विशेष रूप से सभी का ध्यान आकर्षित किया।
झांकी में बस्तर अंचल की पारंपरिक जीवनशैली, जनजातीय लोककला, गौरी-गौरा पर्व, घोटुल संस्कृति और हस्तशिल्प की झलक दिखाई गई। साथ ही, राज्य में शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास की दिशा में हो रहे कार्यों को भी प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया गया।
झांकी के अग्रभाग में बस्तर की प्रसिद्ध धातु शिल्पकला और मध्य भाग में जनजातीय नृत्यरत कलाकारों के समूह ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त रूप से प्रदर्शित किया। वहीं, झांकी के पिछले हिस्से में आधुनिक विकास और तकनीकी प्रगति के प्रतीकात्मक दृश्यों ने यह संदेश दिया कि परंपरा और प्रगति दोनों मिलकर नया छत्तीसगढ़ गढ़ रहे हैं।











